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Saturday, 9 April 2016

"Techno Teen by Akshat Mittal"


खेलता हूं जम कर
और पढ़ता भी
जम कर हूं: अक्षत
आजकल मार्क्स लाने से जरूरी है कुछ नया और
तूफानी करना। ऐसा
ही कुछ कर दिखाया
है क्लास 9 में पढ़ने
वाले 13 साल के
अक्षत मित्तल ने।
उन्होंने ऑड-ईवन
रूल को फॉलो करने
के लिए वेबसाइट
बनाई जिसे एक बड़ी
कंपनी ने इसी हफ्ते
खरीद लिया। अक्षत मित्तल से बात की
अमित मिश्रा ने :

Q इस वेबसाइट को बनाने का ख्याल कब और कैसे
आया? 


मैंने जब दिल्ली में ऑड-ईवन रूल आने की बात सुनी, तब
मेरे मन में राइड शेयरिंग को लेकर कुछ करने का ख्याल
आया। चूंकि मैं अपने स्कूल (एमिटी) में कंप्यूटर प्रोग्रामिंग
सीख रहा था
इसलिए मैंने इस
प्रॉजेक्ट पर काम
करना शुरू कर दिया। पिछले साल मैंने odd-even.com
को लॉन्च कर दिया।

Q वेबसाइट का शुरुआती रेस्पॉन्स कैसा रहा?

मुझे यह देख कर हैरानी हुई कि लोगों ने इसे सराहा और
जल्दी ही इसके यूजर्स 30 हजार तक पहुंच गए।

Q आपकी वेबसाइट कार पूलिंग की बाकी वेबसाइट्स
और दूसरे ऐप्स से कैसे अलग है?
 इसमें आधार नंबर और कार रजिस्ट्रेशन नंबर अटैच करने का
ऑप्शन है जिससे सेफ्टी सुनिश्चित हो जाती है। जेंडर प्फरेंस भी दे रे
सकते हैं कि किसके साथ कार पूल करना चाहते हैं।

Q जब वेबसाइट बन कर तैयार हो गई तो इसे बेचने का
ख्याल कैसे आया?


 असल में मैंने कभी भी इसे बेचने के लिए नहीं बनाया
था। पिछली बार ऑड-ईवन का नियम लागू होने के बाद
मेरी वेबसाइट के बारे में मीडिया में चर्चा हुई। इसके बाद
ओराही (Orahi) ने मुझसे संपर्क किया। मुझे डील अच्छी
लगी तो मैं राजी हो गया।

Q अपनी वेबसाइट बिकने का दुख नहीं हुआ? 

नहीं, ऐसा कुछ नहीं हुआ। मुझे तो इस बात से भी खुशी
हुई कि ओराही ने मुझे अपने एडवाइजरी बोर्ड में रखा है।

Q डील से मिले इतने पैसों का क्या करोगे?

मैं अपने अगले प्रॉजेक्ट पर खर्च करूंगा।

Q odd-even.com बनाने में कितना वक्त लगा? 

तकरीबन 2-3 हफ्ते।

Q क्या यह आपकी पहली वेबसाइट थी? 

पहले भी कुछ छोटी-मोटी बनाई हैं लेकिन कभी लॉन्च नही कीं।

Q 11 वीं में मेडिकल स्ट्रीम लेना चाहते हैं या इंजीनियरिंग? 

ऐसा कुछ सोचा तो नहीं है लेकिन कपंयूटर में मेरा इंटरेस्ट है
इसलिए इंजीनियरिंग स्ट्रीम ही जाऊंगा।

Q बनाने में खर्च कितना आया और पैसा कहां से आया? 

खर्च सिर्फ डोमेन रजिस्ट्रेशन में ही तकरीबन 1 हजार रुपये लगे।
मैंने घर से पैसे लेकर डोमेन रजिस्टर करवाया।

Q वेबसाइट बनाना किसने सिखाया? 

मैंने 7वीं क्लास से ही स्कूल में बनाना सीखा है।

Q कंप्यूटर पर ज्यादा वक्त बिताने पर घर वाले टोकते
नहीं थे?


हां, कभी-कभी टोकते तो थे लेकिन मैंने वेबसाइट बनाने
की ठान ली थी इसलिए मैनेज कर लेता था।

Q आपके मम्मी-पापा क्या करते हैं?

 मेरी मम्मी डॉक्टर हैं और मेरे पापा एक ऑन्ट्रप्रनर हैं।

Q आप पढ़ाकू टाइप के हैं या मस्ती करने वाले? 

मैं पढ़ाई के वक्त जम कर पढ़ता हूं और मस्ती के वक्त
जम कर मस्ती करता हूं। वैसे मेरे ग्रेड्स अच्छे आते हैं। 

"Techno Teen by Akshat Mittal"

खेलता हूं जम कर और पढ़ता भी जम कर हूं: अक्षत आजकल मार्क्स लाने से जरूरी है कुछ नया और तूफानी करना। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है क्लास 9 में पढ़ने वाले 13 साल के अक्षत मित्तल ने। उन्होंने ऑड-ईवन रूल को फॉलो करने के लिए वेबसाइट बनाई जिसे एक बड़ी कंपनी ने इसी हफ्ते खरीद लिया। अक्षत मित्तल से बात की अमित मिश्रा ने :
Q इस वेबसाइट को बनाने का ख्याल कब और कैसे आया? 
मैंने जब दिल्ली में ऑड-ईवन रूल आने की बात सुनी, तब मेरे मन में राइड शेयरिंग को लेकर कुछ करने का ख्याल आया। चूंकि मैं अपने स्कूल (एमिटी) में कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीख रहा था इसलिए मैंने इस प्रॉजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया। पिछले साल मैंने odd-even.com को लॉन्च कर दिया।
Q वेबसाइट का शुरुआती रेस्पॉन्स कैसा रहा?
मुझे यह देख कर हैरानी हुई कि लोगों ने इसे सराहा और जल्दी ही इसके यूजर्स 30 हजार तक पहुंच गए।
Q आपकी वेबसाइट कार पूलिंग की बाकी वेबसाइट्स और दूसरे ऐप्स से कैसे अलग है? इसमें आधार नंबर और कार रजिस्ट्रेशन नंबर अटैच करने का ऑप्शन है जिससे सेफ्टी सुनिश्चित हो जाती है। जेंडर प्फरेंस भी दे रे सकते हैं कि किसके साथ कार पूल करना चाहते हैं।
Q जब वेबसाइट बन कर तैयार हो गई तो इसे बेचने का ख्याल कैसे आया?
 असल में मैंने कभी भी इसे बेचने के लिए नहीं बनाया था। पिछली बार ऑड-ईवन का नियम लागू होने के बाद मेरी वेबसाइट के बारे में मीडिया में चर्चा हुई। इसके बाद ओराही (Orahi) ने मुझसे संपर्क किया। मुझे डील अच्छी लगी तो मैं राजी हो गया।
Q अपनी वेबसाइट बिकने का दुख नहीं हुआ? 
नहीं, ऐसा कुछ नहीं हुआ। मुझे तो इस बात से भी खुशी हुई कि ओराही ने मुझे अपने एडवाइजरी बोर्ड में रखा है।
Q डील से मिले इतने पैसों का क्या करोगे?
मैं अपने अगले प्रॉजेक्ट पर खर्च करूंगा।
Q odd-even.com बनाने में कितना वक्त लगा? 
तकरीबन 2-3 हफ्ते।
Q क्या यह आपकी पहली वेबसाइट थी? 
पहले भी कुछ छोटी-मोटी बनाई हैं लेकिन कभी लॉन्च नही कीं।
Q 11 वीं में मेडिकल स्ट्रीम लेना चाहते हैं या इंजीनियरिंग? 
ऐसा कुछ सोचा तो नहीं है लेकिन कपंयूटर में मेरा इंटरेस्ट है इसलिए इंजीनियरिंग स्ट्रीम ही जाऊंगा।
Q बनाने में खर्च कितना आया और पैसा कहां से आया? 
खर्च सिर्फ डोमेन रजिस्ट्रेशन में ही तकरीबन 1 हजार रुपये लगे। मैंने घर से पैसे लेकर डोमेन रजिस्टर करवाया।
Q वेबसाइट बनाना किसने सिखाया? 
मैंने 7वीं क्लास से ही स्कूल में बनाना सीखा है।
Q कंप्यूटर पर ज्यादा वक्त बिताने पर घर वाले टोकते नहीं थे?
हां, कभी-कभी टोकते तो थे लेकिन मैंने वेबसाइट बनाने की ठान ली थी इसलिए मैनेज कर लेता था।
Q आपके मम्मी-पापा क्या करते हैं?
 मेरी मम्मी डॉक्टर हैं और मेरे पापा एक ऑन्ट्रप्रनर हैं।
Q आप पढ़ाकू टाइप के हैं या मस्ती करने वाले? 
मैं पढ़ाई के वक्त जम कर पढ़ता हूं और मस्ती के वक्त जम कर मस्ती करता हूं। वैसे मेरे ग्रेड्स अच्छे आते हैं। 

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